बांग्लादेश चुनाव: अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने चुनाव की समयसीमा की दी जानकारी

बांग्लादेश चुनाव: अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने चुनाव की समयसीमा की दी जानकारी

बांग्लादेश चुनाव: अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने चुनाव की समयसीमा की दी जानकारी

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद, बांग्लादेश अब एक अंतरिम सरकार द्वारा शासित हो रहा है, जिसके प्रमुख मोहम्मद यूनुस हैं। उनके नेतृत्व में, देश में चुनाव कराने को लेकर बढ़ते दबाव के बीच, मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि बांग्लादेश में आम चुनाव 2025 के अंत तक या 2026 की शुरुआत में हो सकते हैं।

यह घोषणा बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस की 53वीं वर्षगांठ पर की गई, जब यूनुस ने राजधानी ढाका में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और इसके बाद राष्ट्रीय प्रसारण में देश को संबोधित किया। इस संबोधन में यूनुस ने चुनाव के बारे में जानकारी दी और कहा कि राजनीतिक दलों के बीच सहमति के आधार पर चुनाव की तारीख तय की जाएगी। यूनुस ने यह भी कहा कि चुनाव प्रक्रिया शुरू करने से पहले संविधान और चुनाव आयोग जैसे विभिन्न संस्थानों में सुधार किए जाने चाहिए।

संविधान और सुधारों की आवश्यकता:

पिछले महीने, मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में जल्द चुनाव कराए जाने के विचार से इंकार कर दिया था। उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा था कि सुधारों की आवश्यकता है और इसके लिए एक आयोग का गठन किया गया है, जो विभिन्न संस्थानों और संविधान में आवश्यक बदलावों की निगरानी करेगा। यूनुस ने चुनाव को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, “चुनाव की तारीख इस बात पर निर्भर करेगी कि राजनीतिक दल किस हद तक सुधारों पर सहमत होते हैं। यदि वे त्रुटिहीन मतदाता सूची और अन्य बुनियादी सुधारों पर सहमत होते हैं, तो चुनाव नवंबर तक हो सकते हैं, लेकिन इन सुधारों को लागू करने में कुछ महीनों की देरी हो सकती है।”

आरक्षण आंदोलन और शेख हसीना की सरकार का पतन:


बांग्लादेश में 5 जून 2024 को हाईकोर्ट द्वारा एक फैसले के बाद, बांग्लादेश में 30% नौकरियों के लिए आरक्षण प्रणाली लागू की गई थी, जिसका लाभ बांग्लादेश की स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जाना था। इस फैसले के खिलाफ ढाका विश्वविद्यालय में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया, जो धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गया। विरोध प्रदर्शन के बाद, सरकार ने आरक्षण नीति को समाप्त कर दिया, लेकिन इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना से इस्तीफा देने की मांग की। इसके चलते विरोध और हिंसा इतनी बढ़ी कि शेख हसीना को देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी। इसके बाद सेना ने बांग्लादेश की कमान संभाली और एक अंतरिम सरकार का गठन किया, जिसमें मोहम्मद यूनुस को मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया।

इस प्रकार, बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक अस्थिरता और चुनाव प्रक्रिया की अनिश्चितता के बीच, मोहम्मद यूनुस की सरकार ने अब चुनाव के बारे में एक ठोस योजना बनाई है।

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